संस्कृत के इस ग्रन्थ (ब्राह्मणोत्पत्तिमार्तण्ड) के श्लोकों का अर्थ डॉ रामकुमार दाधीच द्वारा किया गया है।
राजा पुरुरवा के वंश में महाराष्ट्र नामक एक राजा हुआ। उसने अपने राज्य का विस्तार करके उसका नाम महाराष्ट्रराज्य रखा। उस राज्य की पूर्वी सीमा में विदर्भ (बराड़), पश्चिम में सह्याद्रिपर्वत, उत्तर में तापी नदी और दक्षिणी सीमा में हुबली और धारवाड़ नामक गाँव थे।
आसीन्नृपो महातेजाः पुरूरवकुलोद्भवः।
महाराष्ट्रेति विख्यातो यस्य राज्यं महत्तरम्।।
तेनायं भुवि विख्यातो विषयो राष्ट्रसंज्ञकः।
महाशब्दप्रपूर्वश्च यस्य पूर्वे विदर्भकः।।
सह्याद्रिः पश्चिमे प्रोक्तः तापी चैवोत्तरे स्थिता।
हुबली धारवाडाख्यौ ग्रामौ दक्षिणसंस्थितौ।।
राजा पुरुरवा के वंश में महाराष्ट्र नामक एक राजा हुआ। उसने अपने राज्य का विस्तार करके उसका नाम महाराष्ट्रराज्य रखा। उस राज्य की पूर्वी सीमा में विदर्भ (बराड़), पश्चिम में सह्याद्रिपर्वत, उत्तर में तापी नदी और दक्षिणी सीमा में हुबली और धारवाड़ नामक गाँव थे।
तत्र राज्यप्रकर्त्ता वै महाराष्ट्रो नृपोत्तमः।
यज्ञार्थे कृतसंकल्पो राजाऽऽसीदीक्षितो यदा ।।
आहूता ब्राह्मणास्तेन विन्ध्यस्योत्तरवासिनः ।
तैस्तदा कारितो यज्ञो विधिपूर्वो द्विजोत्तमैः ।।
राज्यसंस्थापक राजा महाराष्ट्र ने यज्ञ का संकल्प करके यज्ञ हेतु
विन्ध्यपर्वत से उत्तर दिशा के ब्राह्मण आमंत्रित किए। उन ब्राह्मणों ने
विधिपूर्वक यज्ञ कराया।
स्वदेशे वासयामास तान् द्विजान् यज्ञ आगतान् ।
स्वनाम्ना ख्यापयामास दत्वा ग्रामान् सदक्षिणान् ।।
तेन जाता महाराष्ट्र ब्राह्मणाः शंसितव्रताः।
दाक्षिणात्यश्च ते प्रोक्ता देशस्थापर नामकाः।।
राजा ने उनको अपने राज्य में बसाकर अपने राज्य के नाम पर
महाराष्ट्र-ब्राह्मण घोषित किया। दक्षिण दिशा के आधार पर वे दाक्षिणात्य
ब्राह्मण भी कहे जाने लगे।महाराष्ट्रीय ब्राह्मणों की कुलदेवियाँ / कुलदेवता (Gotra and Kuldevi / Kuldevta List of Maharashtrian Brahmin Community)
ग्राम | उपनाम | गोत्र | कुलदेवी / देवता |
---|---|---|---|
1.
|
जोशी |
भारद्वाज
|
मातापुरी
|
2.
|
गीते
|
वच्छस
|
मातापुरी
|
3.
|
विडवाई
|
उपमन्यु
|
मातापुरी
|
4.
|
कायदे
|
हारितस
|
बालाजी
|
5.
|
मूले
|
काश्यप
|
नृहरी
|
6.
|
वैद्य (माध्यं)
|
गार्ग्य
|
गणपति
|
7.
|
गोहे |
पाराशर
|
केशवगोविन्द
|
8.
|
जोशी
|
कृष्णात्री
|
मल्लारी
|
9.
|
पाठक |
वच्छस
|
गणपति
|
10.
|
देशपाण्डे
|
सांख्याय
|
वेंकटेश |
11.
|
शुक्ल
|
हरितस
|
महालक्ष्मी |
12.
|
बंडवे
|
काश्यप
|
महासरस्वती
|
13.
|
पुंड
|
कौशिक
|
तुलजापुरी
|
14.
|
धर्माधिकारी
|
जामदग्न्य
|
मातापुरी
|
15.
|
गुरुजी
|
गार्ग्य
|
मातापुरी
|
16.
|
महाजन
|
वत्सस
|
मातापुरी
|
17.
|
कुलकर्णी
|
अत्रि | गोपालकृष्ण |
18.
|
अग्निहोत्री
|
काश्यप
|
तुलजापुरी / कोल्हापुर / योगेश्वरी
|
19.
|
मूले |
कृष्णात्रि
|
सप्तश्रृंगी
|
20.
|
पिंगले
|
हारित
|
तुलजापुरी |
21.
|
भालेराव |
कौण्डिन्य
|
रासीन
|
22.
|
वैद्य (आथ.)
|
गार्ग्य
|
मातापुरी
|
23.
|
देसाई
|
मौनभार्ग
|
बोधन
|
24.
|
कानगो
|
भारद्वाज
|
मातापुरी
|
25.
|
रेहकोले
|
भारद्वाज
|
मातापुरी
|
26.
|
लामगांवकर
|
धनंजय
|
मातापुरी
|
27.
|
कुलकर्णी |
जामदग्नि
|
सप्तश्रृंगी
|
28.
|
पाटील
|
विश्वामित्र
|
सप्तश्रृंगी
|
29.
|
स्मार्त |
वसिष्ठ
|
सप्तश्रृंगी
|
30.
|
जोशी
|
वच्छस
|
मातापुरी |
31.
|
मूले
|
श्रीवत्स
|
कुन्दनपुर |
32.
|
हडगे
|
काश्यप
|
बोधन
|
33.
|
मदन
|
अत्रि
|
कुन्दनपुर
|
34.
|
वांगे
|
मौनभार्ग
|
उमापनी
|
35.
|
भगवन्
|
कौण्डिन्य
|
रासीन
|
36.
|
जोशी
|
लोहित
|
कोल्हापुर
|
37.
|
जोशी
|
भारद्वाज | योगेश्वरी |
38.
|
पन्नावटि
|
शाण्डिल्य
|
कोल्हापुर
|
39.
|
सामक |
हारितस
|
मातापुरी
|
40.
|
लेकुरवाले
|
वात्स्यायन
|
मोहनीराज |
41.
|
ऋषि |
भारद्वाज
|
साकांत
|
42.
|
धर्माधिकारी
|
उपमन्यु
|
मोहनीराज
|
43.
|
पंचभैया
|
उपमन्यु
|
मोहनी
|
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