Kuldevi of Shakdwipiya Maga Brahmins शाकद्वीपीयों के गोत्र व कुलदेवियां

Gotra wise Kuldevi of Shakdwipiya Maga Brahmins : भविष्यत् पुराण के अनुसार शाकद्वीपीय मग ब्राह्मणों की उत्पत्ति सूर्य के तेज से होना माना गया है। सूर्य की पूजा करना, सौरयज्ञ कराना एवं सूर्य मंदिरों की पूजा का अधिकार केवल इसी समुदाय का होना माना गया है। इस वर्ग के ब्राह्मणों को भोजक, मग, सेवग व्यास आदि सम्बोधनों से भी जाना जाता है। शाकद्वीपीय मग ब्राह्मण समाज की गोत्रानुसार कुलदेवियां इस प्रकार हैं –

Kuldevi of Shakdwipiya Maga Brahmins शाकद्वीपीयों के गोत्र एवं कुलदेवियां 


सं. कुलदेवी गोत्र (Gotra of Shakdwipiya Maga Brahmin)
1.
कालिका माता (Kalika Mata)
 कपिंजल (Kapinjal)
2.
खीमजा माता (Khimaj Mata)
लल्लड़ (Lallad)
3.
चामुण्डा माता (Chamunda Mata)
कुवेरा (Kuvera)
4.
पध्याई माता (Padhyai Mata)
हटीला (Hatila)
5.
पीपलाज माता (Piplaj Mata)
शांडिल्य (Shandilya)
6.
पांडुका माता (Panduka Mata)
मेड़तवाल (अबोटी) [Medatwal (Aboti)]
7.
ब्राह्मणी माता (Brahmani Mata)
जांगला (Jangla)
8.
भीमा माता (Bhima Mata)
भीनमालिया (Bhinmaliya)
9.
भ्रामरी माता (Bhramari Mata)
भरताणी (Bhartani)
10.
महालक्ष्मी (Mahalaxmi Mata)
हीरगोता (Hirgota / Heergota)
11.
मुंदल/मुन्दियाड़ माता (Mundal Mata)
मुंधियाड़ा (Mundhara)
12.
यक्षणी माता (Yakshini Mata)
आसीवाल (Asiwal)
13.
सच्चियाय माता  (Sachiya Mata)
छापरवाल, देवेरा, मुथरिया, सांवलेरा (Chhaparwal,
Devera, Mathuriya, Sanwlera)


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