Gotra wise Kuldevi of Panch Gaur Brahmin Community पंचगौड़ विप्र समाज की कुलदेवियाँ

Gotra wise Kuldevi List of Panch Gaur Brahmin Samaj : पंच गौड़ हिन्दू धर्म में ब्राह्मणों के दो मुख्य वर्गों में से एक है।  दूसरा वर्ग पंच द्रविड़ है। पंच गौड़ ब्राह्मण  मूलतः उत्तरी भारत के निवासी हैं।  कल्हण की राजतरंगिणी के अनुसार, पंच गौड़ ब्राह्मण वर्ग में पांच ब्राह्मण समुदाय समाहित है। ये पांच ब्राह्मण समुदाय हैं-
1. गौड़
2. कन्नौजिया / कान्यकुब्ज ब्राह्मण
3. मैथिला
4. उत्कला
5. सारस्वत ब्राह्मण

प्राचीन समय में अफगानिस्तान के आस-पास का क्षेत्र ‘गौड़-देश’ के नाम से जाना जाता था। इस क्षेत्र के ब्राह्मण गौड़ ब्राह्मण कहलाते थे।  इसकी सीमा में हरियाणा, पंजाब, गोण्डा बस्ती के जिले, प्रयाग के दक्षिण का क्षेत्र, पश्चिमी बंगाल तथा उड़ीसा के क्षेत्र आते हैं। इन क्षेत्रों में रहने वाले ब्राह्मण पंचगौड़ कहलाते थे। इनमें आदिगौड़ ब्राह्मणों का स्थान कुरुक्षेत्र है। कुरुक्षेत्र को ही उस समय ब्रह्मक्षेत्र, ब्रह्मर्षि देश, ब्रह्मावर्त और आर्यावर्त नामों से जाना जाता था। ‘गीता में इस क्षेत्र को ‘धर्मक्षेत्र” कहा गया है। राजस्थान का पूर्वी भाग तथा उत्तर प्रदेश का पश्चिमी भाग का कुछ क्षेत्र इसी के अंतर्गत आता था। इस क्षेत्र के ब्राह्मण कान्यकुब्ज, मिथिला के मैथिल, तथा उड़ीसा के ब्राह्मण उत्कल ब्राह्मण कहलाते थे।

पंचगौड़ विप्र समाज के गोत्र व कुलदेवियों का विवरण इस प्रकार है –

Kuldevi List of Panch Gaur Brahmin Samaj पंचगौड़ विप्र समाज के गोत्र एवं कुलदेवियां 

सं. कुलदेवी उपासक नख/ खांप (सामाजिक गोत्र)
1.
ज्वालामुखी माता (Jwalamukhi Mata)
   मोट (Mot)
2.
जाखण माता (Jakhan Mata)   अग्निहोत्री (Agnihotri), कुराडवा (Kuradava)
3.
धमवाया माता (Dhamwaya Mata)    धमोत्या (Dhamotya)
4.
बड़वासनमाता (Badwasan Mata)   तडवा (Tadawa)


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